प्रेम विवाह योग
प्रेम विवाह योग – आज के आधुनिक समाज में प्रेम विवाह एक बहुत ही सामान्य सी बात हो गई है। आज का भारतीय युवा पुरानी रूढ़ियों और आडम्बरों से मुक्ति चाहता है। जीवन के दूसरे पहलुओं की ही तरह वह अपने जीवन साथी के चुनाव में भी स्वतंत्रता चाहता है। उनकी यह स्वतंत्र सोच प्रेम विवाह के रूप में सामने आती है। कदाचित यह समय की माँग भी है। आज के युवा अपने जीवन साथी के चुनाव में स्वतंत्रता तो अवश्य चाहते हैं, परंतु इसके साथ ही वे अपनी संस्कृति का दामन भी थामे हुए हैं। यानि वे चाहते हैं कि उनकी पसंद में उनके परिवार की भी सहमति शामिल हो।
वैसे तो आज–कल प्रेम विवाह को परिवारों की सहमति मिल ही जाती है परंतु कभी–कभी ऐसे जोड़ों को परिवार और समाज के विरोध का सामना भी करना पड़ता है। आइए, एक दृष्टि डालते हैं कुंडली में बने ऐसे योग पर, जिनके कारण प्रेम विवाह की प्रबल संभावनाएँ बनती है–
कुंड़ली में बने कुछ ऐसे योग जिनमें परिवार प्रेम विवाह को सहमति दे देता है–
- यदि कुंडली में शुक्र नवम स्थान में तो प्रेम विवाह की संभावना होती है।
- यदि लग्न में लग्नेश के साथ चंद्रमा भी हो।
- पाप ग्रहों का प्रभाव एकादश स्थान पर न पड़ रहा हो।
- शनि और केतु सातवें स्थान पर विद्यमान हो।
- यदि राहु लग्न में लक्षित हो।
- यदि सप्तमेश और शुक्र, शनि या राहु के द्वारा प्रभावित हो।
- सप्तमेश या भाग्येश का संबंध लग्नेश के पंचमेश से हो।
- चंद्रमा के पाँचवें स्थान या लग्न में शुक्र हो तो भी प्रेम विवाह का योग बनता है।
अगर आपकी कुंडली में ऐसेे योग नहीं बन रहे, तो इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि आपका प्रेम विवाह संभव ही नहीं है। हो सकता है कि आपकी कुडली की किसी और स्थिति में आपको आपका मनपसंद जीवनसाथी मिल जाए।
ज्योतिष शास्त्रों में प्रेम विवाह के कुछ सरल उपाय भी है जो इस प्रकार से हैं–
विष्णु और लक्ष्मी मंत्र
इस प्रयोग को शुक्ल पक्ष के गुरुवार से आरंभ करें। विष्णु और लक्ष्मी माँ की तस्वीर या मूर्ति के सामने प्रतिदिन तीन माला स्फाटिक माला पर इस मंत्र का जाप करें– ‘ओम लक्ष्मी नारायणाय नमः’ इस मंत्र का जाप तीन महीनें तक नियमित रूप से करें और साथ ही हर गुरुवार को मंदिर में प्रसाद भी अवश्य चढ़ाएं। इस मंत्र का बहुत ही सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।
राधा–कृष्ण मंत्र
‘ओम क्लीं कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा’…..राधा–कृष्ण के मंदिर में जाकर अपने साथी का स्मरण करते हुए सच्चे मन से इस मंत्र का जान करें। इस मंत्र के पश्चात राधा–कृष्ण की मूर्ति को माखन मिश्री का भोग अवश्य लगाएं। आपके विवाह में आने वाली समस्त समस्याओं का हल होगा।
कृष्ण मंत्र
‘केशवी केशवाराध्या किशोरी केशवास्तुता, रूद्र रूपा रूद्र मूर्तिः रूद्राणी रूद्र देवता’…… श्री कृष्ण को प्रेम का साक्षात रूप माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि उनकी आराधना करने से प्रेम विवाह में सफलता अवश्य ही मिलती है। शुक्रवार के दिन राधा-कृष्ण की मूर्ति के समक्ष 108 बार इस मंत्र का जाप करें। श्री कृष्ण की कृपा रही तो तीन महीने के अंदर सुखद परिणाम दिखाई देंगे।
भैरव मंत्र
‘ओम ज्लौम रहौं क्रोम उत्तरनाथ भैरवाय स्वाहाः’……. यदि प्रेमी जोड़े में किसी भी प्रकार की कोई अनबन हो गई हो और इस कारण विवाह में बाधा आ रही हो, जो भैरव बाबा के इस अचूक मंत्र का उच्चारण करें। उस मंत्र का नियमित रूप से जाप करें और भैरव बाबा के मंदिर में मीठी रोटी का भोग अवश्य लगाएँ।
उपरोक्त मंत्रों के अतिरिक्त भी कुछ ऐसे उपाय हैं, जिनसे आप उपने प्रम विवाह में आने वाली समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं-
- कृष्ण मंदिर में जाकर बांसुरी और पान अपर्ण करें।
- सोलह सोमवार का व्रत रखने से भी मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त करने में सफलता मिलती है।
- शहद से शिव का रूद्राभिषेक करें। यह उपाय आपके प्रेम के विवाह में आने वाली सभी समस्याओं को हर लेगा।
- हीरा धारण करने से भी आपकी प्रेत बाधाएं दूर होंगी और यथाशीघ्र आपका विवाह संपन्न होगा।
- यदि आपकी कुंडली में सप्तमेश या सप्तम भाव में किसी ग्रह के कारण विपरीत स्थिति उत्पन्न हो रही है, तो उसका उपाय अवश्य करवा लें।
- कन्या गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें बौर हाथों में हरे रंग की चूड़ियां।
- सदा प्रेम बनाए रखने के लिए लड़का अपनी उंगली में पन्ना धारण करे।
- काम व आकर्षण बीज का जाप करें, जो इस प्रकार है ‘ ओम क्लीं नमः।
- प्रेमी जोड़े को शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन अवश्य मिलना चाहिए। शुक्रवार के दिन पड़ने वाले पूर्णिमा को प्रेमी जाडे़ का मिलना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- प्रेमी जोडे़ को शनिवार या अमावस्या के दिन नहीं मिलना चाहिए। इससे उनके आपसी संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
शीघ्र प्रेम विवाह के कुछ अचूक उपाय नीचे दिए जा रहे हैं, जो बहुत ही सरल और प्रभावशाली हैं –
- किसी कन्या के हाथ पर यदि विवाह की मेहंदी लग रही हो, तो उसमें से कुछ मेंहदी अपने हाथ पर लगाएं। इससे विवाह में आ रही अडचनों का विनाश होता है।
- कन्या अपने घर में सफेद खरगोश को पाले व अपने हाथ से उसे खाना खिलाए।
- पूर्णिमा को वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करने से विवाह मे आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
- यदि मंगल दोष के कारण विवाह में बाधा आ रही हो तो लड़के या लड़की के कमरे के दरवाजे कर रंग लाल या गुलाबी रखें।
- सोमवार को 1200 ग्राम चनें की दाल व कच्चे दूध का दान करें। जब तक विवाह न हो जाए, तब तक यह उपाय जारी रखें।
- शीघ्र प्रेम विवाह के लिए प्रेमी जोड़ा 7 गुरुवार तक लगातार बछड़े वाली गाय को हरा चारा खिलाए।
- यदि समस्या युवक की ओर से हो, तो वह मंगलवार को हनुमान जी के माथे से थोड़ा सिंदूर लेकर, उसे राम-सीता की मूर्ति के चरणों में लगाए। इसके साथ ही सच्चे मन से शीघ्र विवाह की प्रार्थना करे। सफलता अवश्य ही मिलेगी।
- विवाह की बात करने आए लोगों को इस प्रकार बैठाएं कि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो।